Wednesday, June 24, 2020

नास्तिको का देश चीन

आखिर चीन किसी धर्म को क्यो नही मानता, क्यो है नास्तिक ??

चीन आधिकारिक तौर पर एक नास्तिक देश है चीनी मान्यता के अनुसार इंसान और भगवान के बीच श्रद्धा का कोई सिद्धांत नहीं है यहां भगवान के अस्तित्व को नहीं माना जाता साथ ही भगवान के अस्तित्व को पूर्णता नकार दिया जाता है यहां के लोग किसी भी ईश्वर में विश्वास नहीं रखते वही खुद को अधार्मिक व नास्तिक मानते हैं

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Atheist countries china


चीन सरकार का मानना है कि धार्मिक आस्था वामपंथ को कमजोर करती है चीन के पहले कम्युनिस्ट नेता माओत्से तुंग ने ही धर्म को नष्ट करने की कोशिश की थी उन्होंने नास्तिक वाद को बढ़ावा दिया था।

 हालांकि पिछले कुछ सालों से यहां धार्मिक गतिविधियां बढ़ी है चीन का संविधान वैसे तो किसी भी धर्म को मानने की आजादी देता है इसके बावजूद चीन में धर्म के रास्ते में कई पाबंदियां है
यहाँ केवल 5 धर्मों को मान्यता देता है जिसमें बौद्ध, कैथोलिजम, डाओजिम, इस्लाम और प्रोटेस्टैंटिजम शामिल हैं इनके अलावा किसी अन्य धर्म के क्रियाकलापों पर लगभग बैन है धार्मिक संगठनों को राज्य स्वीकृत इन 5 धर्मों में से किसी एक के साथ रजिस्टर करना होता है
चीनी लोगों द्वारा बौद्ध धर्म को अधिक बढ़ावा दिया गया है चीनी नेताओं द्वारा बौद्ध धर्म का अधिक प्रचार-प्रसार किया है उनका मानना है बौद्ध धर्म अपनाकर चारों तरफ शांति स्थापित की जा सकती है परन्तु।

क्या बौद्ध धर्म को मानने से मोक्ष सम्भव है ??

 महात्मा बुद्ध के पास मानव कल्याण का रास्ता नही था महात्मा बुद्ध द्वारा बताई गई साधना शास्त्र विरुद्ध थी जिसके चलते महात्मा बुद्ध के अनुयायियों को किसी प्रकार का लाभ प्राप्त नहीं होने के कारण नास्तिक होते चले गए वहीं चीनी लोगो द्वारा निर्दोष बेजुबान जानवरों की निर्मम हत्या करके उन्हें खाया जाने लगा। तथा वहां के लोगों में दया, ममता किसी भी जीव के प्रति सहानुभूति पूर्णतया समाप्त होने लगी।

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 और यह सब इसलिए हुआ क्योंकि सही भक्ति मार्ग व पूर्ण परमेश्वर की प्राप्ति नहीं होने के कारण व्यक्ति भक्ति मार्ग से भटक जाता है उसे सही गलत की जानकारी नहीं होने के कारण पाप का भागी बनता चला जाता है

महात्मा बुद्ध जिनको चीनी लोग भगवान मानकर पूजते रहे उन्हें स्वयं यथार्थ भक्ति मार्ग की जानकारी नहीं थी महात्मा बुद्ध स्वयं भगवान प्राप्ति के लिए घर त्याग कर कई वर्षों तक गया (बिहार) में वट वृक्ष के नीचे बैठकर हठयोग साधना की जो कि शास्त्र विरुद्ध साधना थी

 गीता जी (अध्ययन 17 श्लोक 5) में हठयोग करने के लिए साफ मना किया गया हैं।
मतलब साफ है सहयोग करने से हमारा पूर्ण मोक्ष संभव नहीं है पूर्ण मोक्ष की प्राप्ति के लिए पूर्ण संत से नाम उपदेश लेकर सत साधना करनी होगी तभी संभव है जबकि बुद्ध के कोई गुरु नही थे और बिना गुरु के मोक्ष कभी नही हो सकता ।

कबीर साहेब जी कहते हैं
    गुरू बिन माला फेरते, गुरू बिन देते दान।
    गुरू बिन दोनों निष्फल है, पूछो वेद पुराण।।

    राम कृष्ण से कौन बड़ा, उन्हों भी गुरू कीन्ह।
    तीन लोक के वे धनी, गुरू आगे आधीन।।
Country of atheistc's. China

 चीन का नास्तिक होने की के पीछे का मूल कारण यही है कि चीनी लोगों को सही मार्गदर्शक व सही भक्ति मार्ग नहीं मिलने के कारण आज वहां के लोग नास्तिक हो गए । वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज सही शास्त्र अनुकूल सत भक्ति बता रहे हैं जिसको करने से पूर्ण लाभ व पूर्ण मोक्ष की प्राप्ति सम्भव है

अधिक जानकारी के लिए जरूर देखें साधना tv पर शाम 7:30 से 8:30 pm





Wednesday, June 17, 2020

Janmastami:lord krishna

                     Lord krishna

आज हम बात कर रहे हैं जन्माष्टमी के बारे में ।

कृष्णजन्माष्टमी भगवान श्री कृष्ण का जनमोत्सव के रूप में मनाया जाता है जन्माष्टमी भारत ही नहीं अपितु विदेशों में बसे भारतीय भी बड़े उत्साह व उल्लास के साथ मनाते हैं भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मध्यरात्रि को श्रीकृष्ण जी ने जन्म लिया। इसलिए इस दिन को कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है इससे स्पष्ट है कि श्री कृष्णा जी ने मां के गर्भ से जन्म लिया। अवतरित नही हुए जबकि कहां जाता है कि भगवान कभी भी मां के गर्भ से जन्म नहीं लेते हैं  सीधे पृथ्वी पर अवतरित होते हैं जबकि श्री कृष्ण जी ने मां के गर्भ से जन्म दिया फिर वह पूर्ण परमेश्वर कैसे हो सकते हैं।
Janmashtami
Lord krishna

वहीं दूसरी तरफ हम बात करें कबीर साहेब की उन्होंने मां के गर्भ से जन्म नहीं लिया बल्कि अपने निजी स्थान सतलोक से चलकर आए और अपनी पुण्यात्मा को मिले, अनेको लीलाएं की।

 वही हिंदू धर्म के लोग श्री कृष्ण जी को वासुदेव नाम से भी पुकारते हैं या संबोधित करते हैं जबकि असली वासुदेव कोई और हैं जोकि सर्व कष्ट निवारक है

“वासुदेव की परिभाषा”
गीता अध्याय 3 श्लोक 14.15 में कहा है कि सम्पूर्ण प्राणी अन्न से उत्पन्न
होते है।
ब्रह्म अर्थात् क्षर पुरूष की उत्पत्ति अविनाशी परमात्मा से
हुई है जिसके विषय में गीता अध्याय 15 श्लोक 17 में कहा है। इससे सिद्ध है कि
“सर्वगतम् ब्रह्म” = सर्वव्यापी परम अक्षर ब्रह्म अर्थात् वासुदेव सदा ही यज्ञों में
प्रतिष्ठित है।
विचार करें :- सर्वगतम् ब्रह्म का अर्थ है सर्वव्यापी परम अक्षर परमात्मा।
(गीता अध्याय 3 श्लोक 15)
1. श्री ब्रह्मा जी, श्री विष्णु जी तथा श्री शिव जी तीनों देवता एक ब्रह्माण्ड
में बने तीनों लोकों (स्वर्ग लोक, पृथ्वी लोक, पाताल लोक) में केवल एक-एक
विभाग अर्थात् गुण के प्रधान हैं। ये सर्वगतम् ब्रह्म अर्थात् सर्वव्यापी परमात्मा =
वासुदेव नहीं हैं।
2. ब्रह्म अर्थात् क्षर पुरूष :- यह केवल 21 ब्रह्माण्डों का प्रभु है। यह भी
सर्वव्यापी अर्थात् वासुदेव नहीं है।
3. अक्षर पुरूष :- यह केवल 7 शंख ब्रह्माण्डों का प्रभु है, यह भी सर्वव्यापी
अर्थात् वासुदेव नहीं है।
4. परम अक्षर ब्रह्म :- यह सर्व ब्रह्माण्डों का स्वामी है, सर्व का धारण-पोषण
करने वाला है, यह वासुदेव है।
परम अक्षर ब्रह्म ( कबीर परमेश्वर) स्वयं पृथ्वी
पर प्रकट होकर अच्छी आत्माओं को मिलते हैं। उनको तत्वज्ञान बताते हैं।
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                           Janmastami

हम लोग श्री कृष्ण जी को भगवान मान बैठे हैं क्योकि श्री कृष्ण जी ने मोरध्वज राजा के पुत्र ताम्रध्वज को आरे से दो भाग करवा कर जो की मृत्यु को प्राप्त हो चुका था उसको जीवित कर दिया उसके उपरांत हमने श्री कृष्ण जी को भगवान मान बैठे। परन्तु हमारे शास्त्र प्रमाणित करते हैं कि श्री कृष्ण जी द्वारा किसी व्यक्ति की आयु शेष बची हो उसको ही जीवित कर सकते हैं आयु घटा या बड़ा नहीं सकते। जबकि पूर्ण परमेश्वर कबीर साहिब जी द्वारा जिनकी आयु शेष नहीं भी बची हो उसको भी जीवन दान प्रदान कर सकते हैं साथ ही उस आयु बढ़ा या घटा सकते हैं

ऐसे ही श्री कृष्ण जी ने एक मुट्ठी चावल के बदले सुदामा का महल बनवाया था वही अगर बात करे परमेश्वर कबीर साहिब जी की तो उन्होंने एक रोटी के बदले तैमूर लंग को सात पीढ़ी का राज दिया।
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Janmastami

यह धारणा की द्रोपती की साड़ी श्री कृष्ण जी ने बढ़ाई थी यह आधा अधूरा सत्य है सत्य तो यह हैं की उस समय श्री कृष्ण जी रुक्मणी के साथ चोसर खेल रहे थे परमेश्वर कबीर जी ने द्रौपदी की भक्ति की लाज रखी और द्रोपती की साड़ी चीर बढ़ाया जिसकी जानकारी आज तक किसी भी हिन्दू धर्म के धर्मगुरु को नहीं थी सब को यही लगता था कि श्री कृष्ण जी ने द्रौपती का चीर बढ़ाया।

गीता अध्याय 7 श्लोक 12 से 15 तक तो गीता ज्ञान दाता ने तीनों गुणों (रजगुण ब्रह्मा जी, सतगुण विष्णु जी तथा तमगुण शिव जी) की भक्ति करने वाले
1. राक्षस स्वभाव को धारण किए हुए, 2. मनुष्यों में नीच, 3. दूषित कर्म करने वाले,
4. मूर्ख मेरी भक्ति भी नहीं करते।
फिर गीता ज्ञान दाता ने गीता अध्याय 7 श्लोक 16 से 18 तक अपनी साधना
करने वालों की स्थिति बताई है कि मेरी भक्ति चार प्रकार के (1. आर्त, 2. अथार्थी, 3. जिज्ञासु, 4. ज्ञानी) करते हैं। इनमें केवल ज्ञानी साधक श्रेष्ठ बताया, परंतु वह
भी तत्वज्ञान न होने के कारण मेरे वाली अर्थात् ब्रह्म की अनुतम् अर्थात् घटिया गति में ही स्थित रह गया।
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                   Krishna janmastami

श्रीमद भगवद गीता अध्याय 18 के श्लोक 62 में गीता ज्ञान दाता अर्जुन से कह रहा है कि सर्वश्रेष्ठ शक्तिशाली परमेश्वर तो कोई और है उसकी शरण ग्रहण करो।
जिस सर्वश्रेष्ठ परमेश्वर के बारे में गीता ज्ञान दाता कह रहा है वह परमेश्वर कोई और नही कबीर परमेश्वर जी हैं जो सर्व शक्तिशाली प्रभु है जिनकी भक्ति करने से इस लोक तथा परलोक में सुख व पूर्ण मोक्ष प्राप्त हो सकती हैं अधिक जानकारी के लिए देखिए साधना चैनल रात्रि 7:30 pm से 8:30 pm तक

Wednesday, June 10, 2020

Holy Bible

पवित्र बाइबल के अनुसार परमेश्वर कौन है जिसने संपूर्ण सृष्टि की रचना की.....!!!



सभी सद्ग्रंथो में एक ही साकार व् समर्थ पूर्ण परमात्मा के बारे में वर्णन है, पवित्र बाईबल में भी स्पष्ट रूप से वर्णित है कि परमेश्वर ने मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार उत्पन्न किया, नर और नारी करके मनुष्यों की सृष्टी की। इससे सिद्ध है कि पवित्र बाइबिल के अनुसार भी परमेश्वर साकार है मनुष्य सदृश्य है।

प्रमाण के लिए देखिये - उत्पति ग्रन्थ पृष्ठ न:2 पर अ, 1:20-2:5 पर।


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यीशु पूर्ण परमात्मा नहीं है पवित्र बाइबिल में प्रमाण है यीशु भगवान नहीं भगवान के पुत्र थे।

पवित्र बाईबल में प्रभु किसी ओर को बताया है जो मानव सदृश साकार है प्रमाण के लिए देखे उत्पत्ति ग्रन्थ पृष्ठ नं. 2 पर, अ. 1:20 - 2:5 पर।



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 बाइबल के अनुसार परमेश्वर कौन है



पवित्र बाईबल में प्रभु मानव सदृश साकार का प्रमाण है जो इस प्रकार है।

पवित्र बाईबल

(उत्पत्ति ग्रन्थ पृष्ठ नं. 2 पर, अ. 1:20 - 2:5 पर)
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छटवां दिन:- प्राणी और मनुष्य:

अन्य प्राणियों की रचना करके



26. फिर परमेश्वर ने कहा, हम मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार अपनी समानता में बनाऐं, जो सर्व प्राणियों को काबू रखेगा।



27. तब परमेश्वर ने मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार उत्पन्न किया, अपने ही स्वरूप के अनुसार परमेश्वर ने उसको उत्पन्न किया, नर और नारी करके मनुष्यों की सृष्टी की।



29. प्रभु ने मनुष्यों के खाने के लिए जितने बीज वाले छोटे पेड़ तथा जितने पेड़ों में बीज वाले फल होते हैं वे भोजन के लिए प्रदान किए हैं, माँस खाना नहीं कहा है।



सातवां दिन:- विश्राम का दिन:



परमेश्वर ने छः दिन में सर्व सृष्टी की उत्पत्ति की तथा सातवें दिन विश्राम किया।



पवित्र बाईबल ने सिद्ध कर दिया कि परमात्मा मानव सदृश शरीर में है, जिसने छः दिन में सर्व सृष्टी की रचना की तथा फिर विश्राम किया।
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उत्पति विषय में लिखा है कि परमेश्वर ने मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार उत्पन्न किया। इससे सिद्ध है कि प्रभु भी मनुष्य जैसे शरीर युक्त है तथा छः दिन में सृष्टी रचना करके सातवें दिन तख्त पर जा विराजा।

पवित्र बाइबिल अय्यूब 36: 5 के अनुसार पूर्ण परमात्मा

अय्यूब 36:5 (और्थोडौक्स यहूदी बाइबल - OJB)

परमेश्वर कबीर (शक्तिशाली) है, किन्तु वह लोगों से घृणा नहीं करता है।

परमेश्वर कबीर (सामर्थी) है और विवेकपूर्ण है।



बाइबल ने भी स्पष्ट किया है की प्रभु का नाम कबीर है।



अनुवाद कर्ताओ नें कबीर की जगह शक्तिशाली व सामर्थ वाला लिख दिया है। वास्तव में परमात्मा का नाम कबीर है। वेदो में, भगवद गीता में, श्री गुरु ग्रंथ साहिब में और कुरान शरीफ में भी परमात्मा का नाम कबीर है।





भगवान ने मनुष्य को शाकाहारी भोजन खाने के आदेश दिये हैं।



पवित्र बाइबल - उत्पत्ति

1:29 - फिर परमेश्वर ने उन से कहा, सुनो, जितने बीज वाले छोटे छोटे पेड़ सारी पृथ्वी के ऊपर हैं और जितने वृक्षों में बीज वाले फल होते हैं, वे सब मैं ने तुम को दिए हैं; वे तुम्हारे भोजन के लिये हैं:



1:30 - और जितने पृथ्वी के पशु, और आकाश के पक्षी, और पृथ्वी पर रेंगने वाले जन्तु हैं, जिन में जीवन के प्राण हैं, उन सब के खाने के लिये मैं ने सब हरे हरे छोटे पेड़ दिए हैं और वैसा ही हो गया।

परमेश्वर ने मांस खाने का आदेश किसी को भी नहीं दिया।



बाइबिल में प्रमाण है परमात्मा ने 6 दिन में सृष्टि रची सातवें दिन तखत पर जा विराजा लेकिन यह कौन परमात्मा है..? इसकी जानकारी न ईसाइयों को है ना अन्य किसी धर्म के लोगों को संत रामपाल जी महाराज जी ने सभी धर्म के धर्मिक ग्रंथों से प्रमाणित कर दिया कि कबीर परमेश्वर  पूर्ण परमात्मा है जिन्होंने 6 दिन में सृष्टि रची व 7 वे दिन तख्त पर जा विराजा।



अधिक जानकारी के लिए आप इन चैनलों पर सुन सकते हैं संत रामपाल जी महाराज के मंगल प्रवचन👇👇



साधना चैनल पर शाम को 7:30 से 8:30 बजे तक

Wednesday, June 3, 2020

परमेश्वर कबीर साहिब द्वारा बताया गया आध्यात्मिक ज्ञान।





परमेश्वर कबीर जी सतलोक से चलकर आते हैं और अपनी पुण्य आत्माओं, भक्तो को मिलते हैं और अपने वास्तविक आध्यात्मिक ज्ञान की जानकारी स्वंम ही देते हैं जो इस प्रकार हैं...!!

सर्वप्रथम कबीर साहिब जी ने ही बताया कि परमात्मा साकार है, सशरीर है, और नराकार रूप में राजा के समान दर्शनीय व सिहासन पर विराजमान है जबकि अन्य धर्मगुरु व अन्य धर्म पंथ के लोग मानते हैं कि परमात्मा निराकार है जिसका कोई अस्तित्व नहीं है
the spiritual knowledge described by kabir.Kabir das information in hindi
Saint kabir das


वही कबीर परमेश्वर जी ने लोगों को धार्मिक पाखंडवाद, अंधविश्वास, कर्मकांड तथा शास्त्रविरुद्ध साधना से दूर रहकर एक पूर्ण परमात्मा की भक्ति करने का संदेश दिया। ताकि साधक को उसके साधना के अनुरूप लाभ प्राप्त हो सके।

एकै साधे सब सधे, सब साधे सब जाय।
माली सीचैं मूल‌ कूं, फलै फूले अघाय।।



कबीर परमेश्वर जी ने शास्त्र अनुकूल भक्ति तथा शास्त्र विरूद्ध भक्ति का भेद बताया शास्त्र अनुकूल साधना करने से सुख व मोक्ष संभव है तथा शास्त्र विरुद साधना करने से जीव हानि तथा नरक व चौरसिया कष्ट सदैव बना रहेगा...!!
जिसका प्रमाण
गीता अध्याय 16 श्लोक 23-24 में भी हैं

ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 17 में प्रमाण हैं।
वेद ज्ञान दाता कह रहा है की बच्चे रूप में प्रकट होकर पूर्ण परमात्मा कविर्देव(कबीर साहेब)अपने वास्तविक ज्ञानको अपनी कबीर वाणीयो द्वारा निर्मल ज्ञान को अपनी हंसात्माओं अर्थात् आत्माओं को कवि रूप में कविताओं, लोकोक्तियों के माध्यम से सम्बोधन करके अर्थात् उच्चारण करके खुद ही आकर वर्णन करता है। वह स्वयं सतपुरुष कबीर ही है।


 आज वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज कबीर परमेश्वर द्वारा बताए गए आध्यात्मिक ज्ञान को जन जन तक पहुंचा रहे हैं तथा सही भक्ति विधि बता रहे हैं ताकि जीव कल्याण हो सके। अधिक जानकारी के लिए देखें साधना चैनल रात्रि 7:30 से 8:30 pm

Tuesday, June 2, 2020

कबीर साहेब जी के चमत्कार...!!


600 वर्ष पूर्व कबीर परमेश्वर जी सतलोक से सशरीर चलकर आये तब अनेकों चमत्कार किये जो केवल समरथ भगवान ही कर सकता है इस प्रकार है...!!!



कबीर परमेश्वर जी ने मगहर रियासत में 14वी शताब्दी में पड़े भीषण अकाल को अपनी समर्थ शक्ति से टालकर वर्षा करके सबको जीवनदान दिया। हजारों हिंदू-मुसलमानों ने उपदेश लिया। एक 70 वर्षीय निःसंतान मुसलमान दंपती को पुत्र होने का आशीर्वाद दिया। वर्तमान में उस व्यक्ति का एक पूरा मौहल्ला बना हुआ है, नाम है "मौहल्ला कबीर करम"


स्वामी रामानंद जी के शिष्य सर्वानंंद जी एक बार कबीर साहेब से ज्ञान चर्चा करने गए।
कबीर साहिब ने उन्हें शास्त्रार्थ में हरा दिया। लेकिन उपस्थित लोगों ने सर्वानंद को धारा प्रवाह संस्कृत बोलते देख यह कहा कि सर्वानंद शास्त्रार्थ में जीत गए।
कबीर साहिब ने कहा कि आप सामने लिखे शास्त्रों की सच्चाई को भी नहीं मान रहे हो। जो जानबूझकर सोने का बहाना कर रहा है उसे जगाया नहीं जा सकता।
"कबीर जानबूझ साची तजे, करे झूठे से नेह, ताकि संगति हे प्रभु, स्वप्न में भी ना देह"

परमेश्वर कबीर जी ने स्वामी रामानंद जी, संत धर्मदास जी, संत गरीबदास जी, संत दादू जी तथा संत नानक देव जी को सत्यलोक में ले जाकर अपना परिचय करवाकर पृथ्वी पर शरीर में छोड़ा था।

मुर्दे को जिवित करना..!
कबीर साहेब ने दरिया में बह रहे मृत बालक कमाल तथा शेखतकी पीर मृत बेटी कमाली जो कई दिनों से कब्र में दफ़न थी, दोनों को हजारों लोगों के सामने जिवित किया था। समर्थ पूर्ण परमात्मा ऐसी ही आश्चर्य जनक लीलाएं करते हैं।


कबीर परमात्मा ने सिंकदर लोधी राजा का जलन का रोग समाप्त कर दिया।

साहेब कबीर जी ने सम्मन के मृत लड़के सेऊ के धड़ पर सिर लगा कर जीवित कर दिया था। कटे हुए का कोई निशान भी गर्दन पर नहीं था।

कबीर परमेश्वर ने एक मृतक गऊ तथा उसके बच्चे को जीवित कर दिया था जिसके टुकड़े सिंकदर लोधी ने करवाए थे।

‘मृत कमाल बालक को जीवित करना‘‘
किसी कबीले ने अपने 12 वर्षीय मृत लड़के का अंतिम संस्कार दरिया में जल प्रवाह करके कर दिया कबीर परमेश्वर ने अपनी वचन शक्ति से उस बच्चे को जीवित कर दिया तथा उसका नाम कमाल रख दिया।

कबीर परमेश्वर ने ऐसे कई अनगिनत चमत्कार किए हैं... जो सिर्फ पूर्ण परमेश्वर ही कर सकते हैं...क्योंकि वास्तव में कबीर परमेश्वर ही पूर्ण परमात्मा है ।

ऐसे ही सैकड़ो चमत्कार है जो कबीर साहिब जी ने किए जो अन्य कोई देव या महापुरुष नही कर सकता। वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज एकमात्र पूर्ण संत है जो पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी को प्राप्त करने की सही भक्ति विधि बता रहे हैं अधिक जानकारी के लिए देखिए साधना चैनल रात्रि 7:30 से 8:30 pm

असली राम कौन है

राम कौन है...?? रामचन्द्र भगवान विष्णु के सातवें अवतार हैं, और इन्हें श्रीराम और श्रीरामचंद्र के नामों से भी जाना जाता है। रामायण में वर्णन ...