आखिर चीन किसी धर्म को क्यो नही मानता, क्यो है नास्तिक ??
चीन आधिकारिक तौर पर एक नास्तिक देश है चीनी मान्यता के अनुसार इंसान और भगवान के बीच श्रद्धा का कोई सिद्धांत नहीं है यहां भगवान के अस्तित्व को नहीं माना जाता साथ ही भगवान के अस्तित्व को पूर्णता नकार दिया जाता है यहां के लोग किसी भी ईश्वर में विश्वास नहीं रखते वही खुद को अधार्मिक व नास्तिक मानते हैं
चीन सरकार का मानना है कि धार्मिक आस्था वामपंथ को कमजोर करती है चीन के पहले कम्युनिस्ट नेता माओत्से तुंग ने ही धर्म को नष्ट करने की कोशिश की थी उन्होंने नास्तिक वाद को बढ़ावा दिया था।
हालांकि पिछले कुछ सालों से यहां धार्मिक गतिविधियां बढ़ी है चीन का संविधान वैसे तो किसी भी धर्म को मानने की आजादी देता है इसके बावजूद चीन में धर्म के रास्ते में कई पाबंदियां है
यहाँ केवल 5 धर्मों को मान्यता देता है जिसमें बौद्ध, कैथोलिजम, डाओजिम, इस्लाम और प्रोटेस्टैंटिजम शामिल हैं इनके अलावा किसी अन्य धर्म के क्रियाकलापों पर लगभग बैन है धार्मिक संगठनों को राज्य स्वीकृत इन 5 धर्मों में से किसी एक के साथ रजिस्टर करना होता है
चीनी लोगों द्वारा बौद्ध धर्म को अधिक बढ़ावा दिया गया है चीनी नेताओं द्वारा बौद्ध धर्म का अधिक प्रचार-प्रसार किया है उनका मानना है बौद्ध धर्म अपनाकर चारों तरफ शांति स्थापित की जा सकती है परन्तु।
क्या बौद्ध धर्म को मानने से मोक्ष सम्भव है ??
महात्मा बुद्ध के पास मानव कल्याण का रास्ता नही था महात्मा बुद्ध द्वारा बताई गई साधना शास्त्र विरुद्ध थी जिसके चलते महात्मा बुद्ध के अनुयायियों को किसी प्रकार का लाभ प्राप्त नहीं होने के कारण नास्तिक होते चले गए वहीं चीनी लोगो द्वारा निर्दोष बेजुबान जानवरों की निर्मम हत्या करके उन्हें खाया जाने लगा। तथा वहां के लोगों में दया, ममता किसी भी जीव के प्रति सहानुभूति पूर्णतया समाप्त होने लगी।
और यह सब इसलिए हुआ क्योंकि सही भक्ति मार्ग व पूर्ण परमेश्वर की प्राप्ति नहीं होने के कारण व्यक्ति भक्ति मार्ग से भटक जाता है उसे सही गलत की जानकारी नहीं होने के कारण पाप का भागी बनता चला जाता है
महात्मा बुद्ध जिनको चीनी लोग भगवान मानकर पूजते रहे उन्हें स्वयं यथार्थ भक्ति मार्ग की जानकारी नहीं थी महात्मा बुद्ध स्वयं भगवान प्राप्ति के लिए घर त्याग कर कई वर्षों तक गया (बिहार) में वट वृक्ष के नीचे बैठकर हठयोग साधना की जो कि शास्त्र विरुद्ध साधना थी
गीता जी (अध्ययन 17 श्लोक 5) में हठयोग करने के लिए साफ मना किया गया हैं।
मतलब साफ है सहयोग करने से हमारा पूर्ण मोक्ष संभव नहीं है पूर्ण मोक्ष की प्राप्ति के लिए पूर्ण संत से नाम उपदेश लेकर सत साधना करनी होगी तभी संभव है जबकि बुद्ध के कोई गुरु नही थे और बिना गुरु के मोक्ष कभी नही हो सकता ।
कबीर साहेब जी कहते हैं
गुरू बिन माला फेरते, गुरू बिन देते दान।
गुरू बिन दोनों निष्फल है, पूछो वेद पुराण।।
राम कृष्ण से कौन बड़ा, उन्हों भी गुरू कीन्ह।
तीन लोक के वे धनी, गुरू आगे आधीन।।
चीन का नास्तिक होने की के पीछे का मूल कारण यही है कि चीनी लोगों को सही मार्गदर्शक व सही भक्ति मार्ग नहीं मिलने के कारण आज वहां के लोग नास्तिक हो गए । वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज सही शास्त्र अनुकूल सत भक्ति बता रहे हैं जिसको करने से पूर्ण लाभ व पूर्ण मोक्ष की प्राप्ति सम्भव है
अधिक जानकारी के लिए जरूर देखें साधना tv पर शाम 7:30 से 8:30 pm
चीन आधिकारिक तौर पर एक नास्तिक देश है चीनी मान्यता के अनुसार इंसान और भगवान के बीच श्रद्धा का कोई सिद्धांत नहीं है यहां भगवान के अस्तित्व को नहीं माना जाता साथ ही भगवान के अस्तित्व को पूर्णता नकार दिया जाता है यहां के लोग किसी भी ईश्वर में विश्वास नहीं रखते वही खुद को अधार्मिक व नास्तिक मानते हैं
Atheist countries china |
चीन सरकार का मानना है कि धार्मिक आस्था वामपंथ को कमजोर करती है चीन के पहले कम्युनिस्ट नेता माओत्से तुंग ने ही धर्म को नष्ट करने की कोशिश की थी उन्होंने नास्तिक वाद को बढ़ावा दिया था।
हालांकि पिछले कुछ सालों से यहां धार्मिक गतिविधियां बढ़ी है चीन का संविधान वैसे तो किसी भी धर्म को मानने की आजादी देता है इसके बावजूद चीन में धर्म के रास्ते में कई पाबंदियां है
यहाँ केवल 5 धर्मों को मान्यता देता है जिसमें बौद्ध, कैथोलिजम, डाओजिम, इस्लाम और प्रोटेस्टैंटिजम शामिल हैं इनके अलावा किसी अन्य धर्म के क्रियाकलापों पर लगभग बैन है धार्मिक संगठनों को राज्य स्वीकृत इन 5 धर्मों में से किसी एक के साथ रजिस्टर करना होता है
चीनी लोगों द्वारा बौद्ध धर्म को अधिक बढ़ावा दिया गया है चीनी नेताओं द्वारा बौद्ध धर्म का अधिक प्रचार-प्रसार किया है उनका मानना है बौद्ध धर्म अपनाकर चारों तरफ शांति स्थापित की जा सकती है परन्तु।
क्या बौद्ध धर्म को मानने से मोक्ष सम्भव है ??
महात्मा बुद्ध के पास मानव कल्याण का रास्ता नही था महात्मा बुद्ध द्वारा बताई गई साधना शास्त्र विरुद्ध थी जिसके चलते महात्मा बुद्ध के अनुयायियों को किसी प्रकार का लाभ प्राप्त नहीं होने के कारण नास्तिक होते चले गए वहीं चीनी लोगो द्वारा निर्दोष बेजुबान जानवरों की निर्मम हत्या करके उन्हें खाया जाने लगा। तथा वहां के लोगों में दया, ममता किसी भी जीव के प्रति सहानुभूति पूर्णतया समाप्त होने लगी।
Atheist countries china |
और यह सब इसलिए हुआ क्योंकि सही भक्ति मार्ग व पूर्ण परमेश्वर की प्राप्ति नहीं होने के कारण व्यक्ति भक्ति मार्ग से भटक जाता है उसे सही गलत की जानकारी नहीं होने के कारण पाप का भागी बनता चला जाता है
महात्मा बुद्ध जिनको चीनी लोग भगवान मानकर पूजते रहे उन्हें स्वयं यथार्थ भक्ति मार्ग की जानकारी नहीं थी महात्मा बुद्ध स्वयं भगवान प्राप्ति के लिए घर त्याग कर कई वर्षों तक गया (बिहार) में वट वृक्ष के नीचे बैठकर हठयोग साधना की जो कि शास्त्र विरुद्ध साधना थी
गीता जी (अध्ययन 17 श्लोक 5) में हठयोग करने के लिए साफ मना किया गया हैं।
मतलब साफ है सहयोग करने से हमारा पूर्ण मोक्ष संभव नहीं है पूर्ण मोक्ष की प्राप्ति के लिए पूर्ण संत से नाम उपदेश लेकर सत साधना करनी होगी तभी संभव है जबकि बुद्ध के कोई गुरु नही थे और बिना गुरु के मोक्ष कभी नही हो सकता ।
कबीर साहेब जी कहते हैं
गुरू बिन माला फेरते, गुरू बिन देते दान।
गुरू बिन दोनों निष्फल है, पूछो वेद पुराण।।
राम कृष्ण से कौन बड़ा, उन्हों भी गुरू कीन्ह।
तीन लोक के वे धनी, गुरू आगे आधीन।।
चीन का नास्तिक होने की के पीछे का मूल कारण यही है कि चीनी लोगों को सही मार्गदर्शक व सही भक्ति मार्ग नहीं मिलने के कारण आज वहां के लोग नास्तिक हो गए । वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज सही शास्त्र अनुकूल सत भक्ति बता रहे हैं जिसको करने से पूर्ण लाभ व पूर्ण मोक्ष की प्राप्ति सम्भव है
अधिक जानकारी के लिए जरूर देखें साधना tv पर शाम 7:30 से 8:30 pm