परमेश्वर कबीर जी सतलोक से चलकर आते हैं और अपनी पुण्य आत्माओं, भक्तो को मिलते हैं और अपने वास्तविक आध्यात्मिक ज्ञान की जानकारी स्वंम ही देते हैं जो इस प्रकार हैं...!!
सर्वप्रथम कबीर साहिब जी ने ही बताया कि परमात्मा साकार है, सशरीर है, और नराकार रूप में राजा के समान दर्शनीय व सिहासन पर विराजमान है जबकि अन्य धर्मगुरु व अन्य धर्म पंथ के लोग मानते हैं कि परमात्मा निराकार है जिसका कोई अस्तित्व नहीं है
Saint kabir das |
वही कबीर परमेश्वर जी ने लोगों को धार्मिक पाखंडवाद, अंधविश्वास, कर्मकांड तथा शास्त्रविरुद्ध साधना से दूर रहकर एक पूर्ण परमात्मा की भक्ति करने का संदेश दिया। ताकि साधक को उसके साधना के अनुरूप लाभ प्राप्त हो सके।
एकै साधे सब सधे, सब साधे सब जाय।
माली सीचैं मूल कूं, फलै फूले अघाय।।
कबीर परमेश्वर जी ने शास्त्र अनुकूल भक्ति तथा शास्त्र विरूद्ध भक्ति का भेद बताया शास्त्र अनुकूल साधना करने से सुख व मोक्ष संभव है तथा शास्त्र विरुद साधना करने से जीव हानि तथा नरक व चौरसिया कष्ट सदैव बना रहेगा...!!
जिसका प्रमाण
गीता अध्याय 16 श्लोक 23-24 में भी हैं
ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 17 में प्रमाण हैं।
वेद ज्ञान दाता कह रहा है की बच्चे रूप में प्रकट होकर पूर्ण परमात्मा कविर्देव(कबीर साहेब)अपने वास्तविक ज्ञानको अपनी कबीर वाणीयो द्वारा निर्मल ज्ञान को अपनी हंसात्माओं अर्थात् आत्माओं को कवि रूप में कविताओं, लोकोक्तियों के माध्यम से सम्बोधन करके अर्थात् उच्चारण करके खुद ही आकर वर्णन करता है। वह स्वयं सतपुरुष कबीर ही है।
आज वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज कबीर परमेश्वर द्वारा बताए गए आध्यात्मिक ज्ञान को जन जन तक पहुंचा रहे हैं तथा सही भक्ति विधि बता रहे हैं ताकि जीव कल्याण हो सके। अधिक जानकारी के लिए देखें साधना चैनल रात्रि 7:30 से 8:30 pm
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